500 का नोट को जल्दी किया जाए बंद , तभी खत्म होगा भ्रष्टाचार बोल सीएम चंद्रबाबू नायडू ।

500 Note News : देश में भ्रष्टाचार और काले धन की समस्या लंबे समय से चिंता का विषय रही है। इसी कड़ी में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने हाल ही में एक साहसिक बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सरकार ₹500 का नोट बंद कर दे तो देश में फैला हुआ भ्रष्टाचार काफी हद तक समाप्त किया जा सकता है। उनका यह बयान न सिर्फ आर्थिक हलकों में चर्चा का विषय बना है बल्कि इसे एक व्यावहारिक समाधान के रूप में भी देखा जा रहा है।

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चंद्रबाबू नायडू ने इंडिया टुडे के साथ एक इंटरव्यू में कहा कि केवल ₹100 और ₹200 से नीचे के नोट होने चाहिए। ₹500 के नोट को भी बंद कर दिया जाना चाहिए । जबकि ₹500 का नोट सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले नोट हैं कल नोटों में 41% हिस्सा इन्हीं नोटों का है ।

उच्च मूल्यवर्ग के नोट और भ्रष्टाचार का संबंध ।

चंद्रबाबू नायडू का मानना है कि भ्रष्टाचार और काले धन के प्रभाव में सबसे बड़ा मध्य उच्च मूल वर्ग के नोट विशेष कर 500 और 2000 के नोट हैं। इन नोटों के जरिए बड़ी मात्रा में नकली लेनदेन करना आसान होता है जिससे रिश्वत और अवैध लेनदेन छुपाए जा सकते थे। नायडू के अनुसार आम नागरिक दैनिक जरूरत के लिए₹100 या उससे कम मूल्य के नोट पर्याप्त होते हैं जबकि ₹500 के नोट मुक्ति पर भ्रष्टाचारियों और काले धन के सौदागरों के लिए उपयोगी है ।

2016 के नोटबंदी का हवाला ।

उन्होंने 2016 की नोटबंदी का उदाहरण देते हुए बताया कि उसे समय 500 और 1000 के नोट बंद किए गए थे जिससे तात्कालिक रूप से काले धन पर रोक लगाया गया था हालांकि बाद में 500 और 2000 के नए नोट लाकर महाराष्ट्र चारों की जड़ों फिर से गहरी हो गई है। इसी अनुभव से सीख लेकर चंद्रबाबू नायडू ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह आप ₹500 के नोट को पूरी तरीके से बंद करने पर विचार करें।

डिजिटल भुगतान को मिले बढ़ावा ।

चंद्रबाबू नायडू ने यह भी सुझाव दिए हैं कि सरकार को डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करना चाहिए डिजिटल माध्यम से हुए लेनदेन को पर दर्शाता रहती है और हर ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड आसानी से रखा जा सकता है। इससे कर , चोरी रिश्वत और हवाला जैसी गतिविधियों पर रोक लगा सकती है।

क्या है चुनौतियां ?

हालांकि इस प्रस्ताव के कुछ व्यावहारिक पहलू भी हैं जिन पर गंभीरता से विचार करना आवश्यक है। भारत के बड़ी आबादी अब भी नगद पर निर्भर है विशेषकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में वहां डिजिटल भुगतान की सुविधा और तकनीकी साक्षरता अभी सीमित है ऐसे में ₹500 के नोट को बंद करने से सुविधा और असंतोष बढ़ सकता है अगर वैकल्पिक व्यवस्था समय रहते नहीं की गई ।

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