Bihar Land Survey Update : बिहार में जमीन से जुड़ी समस्याओं का समाधान निकालने के लिए राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी कड़ी में अब भूमि मालिकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण (Land Survey) से जुड़ी प्रक्रियाओं को और आसान बना दिया है, जिससे राज्य के लाखों जमीन मालिकों को राहत मिलेगी।
सर्वेक्षण प्रक्रिया में तेजी
राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे भूमि सर्वेक्षण अभियान को और तेज कर दिया गया है। जिन गांवों में अभी तक सर्वे नहीं हुआ था, वहां अब विशेष टीम भेजी जा रही है। इसके तहत सभी प्रकार की जमीन—रैयती, गैर मजरूआ, खास महाल आदि—का डिजिटल रिकॉर्ड तैयार किया जा रहा है। इससे जमीन विवादों में भारी कमी आएगी और रजिस्ट्री एवं दाखिल-खारिज की प्रक्रिया भी आसान होगी।
डिजिटल मैप और खतियान
नए नियमों के तहत अब जमीन के नक्शे (Map) और खतियान को ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध कराया जाएगा। जमीन मालिक अब घर बैठे अपनी जमीन का पूरा विवरण देख और डाउनलोड कर सकेंगे। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और पारदर्शिता बढ़ेगी।
आपत्तियों पर सुनवाई की नई व्यवस्था
जमीन सर्वेक्षण के दौरान अगर किसी व्यक्ति को आपत्ति होती है, तो उसके लिए अब एक नई ऑनलाइन शिकायत प्रणाली शुरू की गई है। अब लोग घर बैठे अपनी आपत्ति दर्ज कर सकेंगे और तय समय में उसका निवारण होगा।

किसानों को मिलेगा फायदा
यह नया भूमि सर्वेक्षण अभियान खासकर किसानों के लिए लाभदायक सिद्ध होगा। खेतों की सटीक सीमा और स्वामित्व स्पष्ट होने से उन्हें सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। जैसे—प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि, फसल बीमा योजना, कृषि ऋण आदि।
2025 तक लक्ष्य
बिहार सरकार का लक्ष्य है कि 2025 तक राज्य की सारी भूमि का डिजिटल सर्वे पूरा कर लिया जाए। इससे भू-अधिकार प्रमाण पत्र (Land Ownership Certificate) भी डिजिटल रूप में जारी होंगे।
निष्कर्ष
बिहार में चल रहा यह भूमि सर्वे अभियान राज्य के विकास के लिए एक अहम कदम है। इससे जमीन संबंधी झगड़े कम होंगे, पारदर्शिता बढ़ेगी और आम जनता को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। जमीन मालिकों के लिए यह सचमुच एक बड़ी राहत की खबर है।